पुकारिए उसे सदा – पंचचामर/नराच/नागराज छंद गीत
१२१-२१२-१२१-२१२-१२१-२
लखे कभी विकार तो, सवाल जो तजा करे।
पुकारिए उसे सदा, विचार शुद्ध जो भरे।।
सखा किसे कहें यहाँ, सवाल आज है यही।
जिसे निहारते रहे, हतास भी करे वही।।
सुधारना पसंद हो, निहार दोष को हरे।
पुकारिए उसे सदा, विचार शुद्ध जो भरे।।०१।।
प्रबुद्ध भाव संग में, रहे सदा उमंग में।
निराश भाव भी हटे, सलाह सौम्य संग में।।
सटा रहे डटा रहे, प्रसन्नता सदा झरे।
पुकारिए उसे सदा, विचार शुद्ध जो भरे।।०२।।
विकास बोध सीख दे, उजास राह हो सके।
निखारता रहे हमें, प्रयास आस बो सके।।
विचार नेक ले चलें, सुवास पुष्प सा धरे।
पुकारिए उसे सदा, विचार शुद्ध जो भरे।।०३।।
गीतकार:- राम किशोर पाठक
प्रधान शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय कालीगंज उत्तर टोला, बिहटा, पटना, बिहार।
संपर्क – 9835232978
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