रंगों का त्योहार होली
होली के दिन देखो है आये,
रंगों की वर्षा संग में है लाये।
बरसे रंगों की रंगीली फूहार,
देखो फागुन में आई बहार।
फागुन आया है रंगो को साज,
बच्चे-बूढ़े रंग खेले संग-साथ।
महिलाओ को बहुत है काज,
पूवे-पूरी, दही-बड़े बनेंगे आज।
रंग-अबीर खेलेगें सभी आज,
गिला न शिकवा किसी से आज।
सिर पर रंग विरंगी टोपी साज,
निकले घर से खेलने रंग ले हाथ।
मम्मी ने पकवान बनाये,
हम सबने मिलकर खाये।
रंग-अबीर आज खूब है भाये,
चाचा-चाची सब मिलने आये,
सबका हमने आशीष है पाये।
होली के दिन देखो है आये,
रंगों की वर्षा ————-।
रीना कुमारी (शिक्षिकाा)
पूर्णियॉं, बिहार
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