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राष्ट्रभाषा का सम्मान-बीनू मिश्रा भागलपुर

Binu

राष्ट्रभाषा का सम्मान”

संस्कृत की लाडली बेटी है यह हिंदी,
जन जन की भाषा है यह हिंदी
सुंदर, मनोरम, मीठी और सरल है यह हिंदी,
तेजस्विनी है और अनूठी है यह हिंदी,
जो पूरे देश को जोड़े रखा वो मजबूत धागा है हिंदी।
हिंदुस्तान की गौरव गाथा है हिंदी,
जिसके गर्भ से रोज नई कोंपलें फूटती हैं,
ऐसी कामधेनु धरा है यह हिंदी,
जिसने गुलामी में क्रांति की आग लगाई,
ऐसे वीरों की प्रसुता है हिन्दी,
साहित्य का असीम सागर है यह हिंदी,
तुलसी, कबीर, मीरा, कवि सुर के सागर की,
गागर है यह हिंदी।
यूं तो देश में कई भाषाएं और हैं,
पर राष्ट्र के माथे की बिंदी है यह हिंदी,
केवल 14 सितंबर को क्यों करें हम,
अपनी राष्ट्रभाषा का सम्मान,
चलो जगाएं अपना स्वाभिमान,
दिलाए अपनी मातृभाषा को हम अंतरराष्ट्रीय पहचान।।

बीनू मिश्रा
भागलपुर

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