Site icon पद्यपंकज

रेशम की डोर-रूचिका

Ruchika

रेशम की डोर

रेशम की डोर से जुड़ा विश्वास,
दिल से दिल को लगे है ये आस,
यह डोरी नही मात्र कच्चे धागों का,
भावनाओं से जुडे रिश्ता यह प्रयास।

धन दौलत की दरकार नहीं है,
बात बेबात की तकरार रही है,
हो आपस में सदा ही प्रेम इतना,
बेवजह की कोई रार नहीं है।

रेशम की डोर से रिश्तों को बाँधे,
बेवजह इसके डोर न कोई काटे,
भाई रहे सदा इस दुनिया में,
बहन सुख-दुख नहीं संग है बाँटे।

भावनाओं का संबल इसे बनाये,
बेवजह की उलझन नहीं आप निभाये,
रेशम की डोरी में प्यार छुपाये,
इस तरह रिश्तों को आप सदा निभाये।

रुचिका

0 Likes
Spread the love
Exit mobile version