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संघर्ष-भवानंद सिंह

संघर्ष

डटे रहो संघर्ष के
मैदान में तुम,
चाहे पथ में बाधा
अनेक हो।

एक जूनून पैदा कर
कर मुकाबला अपनी
नाकामी से।

क्यों नाकाम हुए
इस पर विचार करो,
सफल होने के लिए
अपने आप में सुधार करो।

मिलता है जीवन में
हर किसी को एक मौका,
इसपर गंभीरता से
विचार करो।

जीवन एक चुनौती है
इसे स्वीकार करो,
मिलेगी मंजिल एक दिन
इस पर विचार करो।

जब तक न सफल हो
मैदान में डटे रहो तुम,
सफलता कदम चुमेगी तुम्हारी
दूसरों के लिए प्रेरणा बनो।

भवानंद सिंह
रानीगंज, अररिया

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