Site icon पद्यपंकज

सर्दी आ रही है-मधु कुमारी

Madhu

सर्दी आ रही है

धीरे धीरे दबे पांव सर्दी आ रही है
गर्मी को अब सबक सीखा रही है
गर्मी ने हमें खूब सताया
सर्दी आया मजा चखाया
कोहरे जमकर छा रही है
देखो सर्दी आ रही है…..

काँप रहे हैं ठंडी से सब
दाँत करने लगे किट किट अब
मुँह से भाँप निकल रही है
देखो सर्दी आ रही है……

पंखे कूलर हुए सब बन्द
रात की गति भी हुई मन्द
मीठी तपिश सूरज की
सबके मन को भा रही है
देखो सर्दी आ रही है…..

रज़ाई चादर अब भाने लगा
रज़ाई से निकलने से मन घबराने लगा
गर्म अदरक वाली चाय की याद आ रही है
देखो सर्दी आ रही है……..

मधु कुमारी
कटिहार

0 Likes
Spread the love
Exit mobile version