सारे जहाँ से अच्छे बापू
महापुरुष ऐसे हीं नही, कोई कहलाता
नर जिसकी इच्छाशक्ति दृढ़ हो
स्ववालम्बन जिनका संकल्प हो
स्वाधीनता जिनके जीवन का लक्ष्य हो
ग्रामोद्धार हीं जिनके सपनो का भारत हो
अंग्रेजो को सदाचरण के बल पर देश निकाला जिनका विजय तिलक हो
ऐसे हीं पुरुष को है जग में महापुरुष कहलाने का
ऐसे हीं पुरुष को है जग में
महापुरुष कहलाने का
आओ सुनाता हूँ तुम्हें कुछ ऐसी हीं गाथा एक महापुरुष की
अवतरण हुआ एक नर का गुजरात के पोरबंदर में
सन1869 दिन था वो 2 अक्टूबर
जिनकी मात थी पुतलीबाई ओर पिता थे करमचन्द गाँधी
देखने में मनलुभावन थे
सो नामकरण हुआ मोहन
जैसे हीं किशरोवस्था उनकी आई
कुसंगत ने उनको गलत मार्ग पकड़ाई
नाटक हरिश्चन्द्र देख मन उनका
पश्चाताप का सबक सिखलाया
है कसम उन्होंने खायी
कुसंगत, असत्य, दुराचरण, मिथ्याचरन का परित्याग इस पल से की।
हृदय बहुत मर्माहत था
गुरुतुल्य पिता से क्षमायाचना कर पश्चाताप जो करना था
लेकर हृदय की उद्गार एक संदेशे में
पहुँचे भारी मन से पिता समक्ष
पिता ने संदेशा देखा
बेटे का मन टटोला
पश्चाताप की अग्नि में जल रहे बेटे को गले लगाया
बेटे की वकालत की शिक्षा हेतु
पिता ने मोहन को अफ्रीका भेजा
जहाँ मोहन ने सबसे पहले दुनियाँ में सत्याग्रह का अभियान चलाया
लियो टालस्टाय को अपना आध्यत्मिक गुरुवर बनाया
लौटे स्वदेश जब मोहन गाँधी बनकर
देश की हालत बिगड़ चुकी थी
अंग्रेजो के चाल-चलन सबको भा चुकी थी
परतंत्रता की आह! से भारत माता कराह रही थी
सुन माता की पुकार गाँधी जी ने
फिर से एक कसम दुहरायी
परतंत्रता की बेड़ियों में जकड़ी माँ को
स्वतंत्र कराने की बीड़ा उठाई।
चंपारण सत्याग्रह, असहयोग आंदोलन, दांडी यात्रा, भारत छोड़ो जैसे इक-इक आंदोलन चलाया
स्वाधीन हो जाए देश अपना
सारा कसक बापू ने लगाया
सत्य, अहिंसा से जिन्होंने अपना अलंकार किया
सत्याचरण, सदाचरण से जिन्होंने देश का मान बढ़ाया
जिससे देश में एक नई जागृति आई
जागृति ने क्रांति बन भारत को नया मार्ग दिखलाई
भारत माँ के उस सपूत ने राष्ट्रपिता बनकर सबको
एक सूत्र में बांध दिया
आई स्वतन्त्रता की बेला
गाँधी जी के सपनों के भारत की
माँ वसुंधरा का वर्षो बाद श्रृंगार हुआ
माँ वसुंधरा का वर्षों बाद श्रृंगार हुआ
ऐसे थे सबके दुलारे बापू
ऐसे थे सबके न्यारे बापू
फिर क्यों न हो;
सारे जहाँ से अच्छे हमारे बापू।
अवनीश कुमार
प्रभारी प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित मध्य विद्यालय अजगरवा पूरब
प्रखंड – पकड़ीदयाल
जिला – पूर्वी चंपारण (मोतिहारी) बिहार