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स्कूल का बस्ता-डॉ. अनुपमा श्रीवास्तवा

स्कूल का बस्ता

गुमसुम पड़ा है मेरा बस्ता
नित देखे स्कूल का रस्ता 
प्रभु जी बताओ मेरी भूल
कब जाऊँगा मैं स्कूल?

कलम किताब बस्ते से दूर
क्या समझाऊँ मैं मजबूर 
जमी है उसपर कितनी धूल
कब जाऊँगा मैं स्कूल?

जब से आया कुटिल कोरोना
हरदम आये मुझको रोना
संग बच्चों का मैं गया भूल
कब जाऊँगा मैं स्कूल?

बहुत दुखी है बच्चे सारे
बेबश होकर उसे निहारे 
मुरझाए जैसे कोई फूल
कब जाऊँगा मैं स्कूल?

आयेगा कब दिन सुहाना
मुझे बस्ता ले स्कूल है जाना 
घर में रहना बड़ा फिजूल
कब जाऊँगा मैं स्कूल?

स्वरचित 🙏
डॉ. अनुपमा श्रीवास्तवा
आर. के. एम +2 विद्यालय
मुजफ्फरपुर बिहार

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