हिंदी : हमारी अस्मिता की पहचान
भारत-भूमि का भाव प्राण है,
हिंदी ही तो गौरव-गान है।
हिंदी है हरित हृदय की धारा,
हिंदी उज्ज्वल उदित सितारा।
मधुर मधुर मन मोहक भाषा,
जन-जन की जीवन अभिलाषा।
मधुर मनोहर मृदु मृगनयनी,
कई भाषाओं की जीवन-जननी।
कलम कलश की करुण कहानी,
हिंदी बुनती स्वर्णिम वाणी।
शब्दों की शक्ति, शील की शान,
हिंदी ने दिया संस्कृति का दान।
अभिनव अर्चन, अमृत अभिराम,
हिंदी अमर है, हिंदी अविराम।
अभिनव अरुण, अमृत की धारा,
हिंदी अमर है, हिंदी है हमारा।
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