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शहीदों से है हिन्दुस्तान-एम० एस० हुसैन “कैमूरी”

M S Husain

शहीदों से है हिन्दुस्तान

शहीदों के आत्म बलिदानों से है
सुंदर, स्वतंत्र यह हिंदुस्तान हमारा
शहीद भगत सिंह राजगुरु सुखदेव
चढ़ गए फांसी लिए मुस्कान प्यारा।

19 दिसंबर 1927 की थी अजब दास्तान
काकोरी के रेल कांड में प्रमुख प्रदर्शक थे
बिस्मिल रोशन और अशफाक उल्ला खान
सजा हुई फांसी की देदी हंसते हंसते जान।

महान क्रांतिकारी थे चंद्रशेखर आजाद
अल्फ्रेड वह पार्क था शहर इलाहाबाद
27 फरवरी 1931 को अंग्रेजों से लड़ते
24 साल की उम्र में हुए शहीद आजाद।

कैसे भूल हम पाएंगे शहीदों की कुर्बानी को
युद्ध में सर कटाए हेमराज सिंह की जवानी को
रणभुमि में खूब दिखीं अंग्रेजों को धूल चटाते
विरांगना कर्णावती और लक्ष्मी बाई मर्दानी को।

शहीदों की कुर्बानी से है हमारा हिंदुस्तान
आओ हम सब मिलकर करें इनका सम्मान
जिनके बदौलत है मुल्क ये आज सुरक्षित
शहीदों का है समर्पण, त्याग और बलिदान।

*एम० एस० हुसैन “कैमूरी”*
शिक्षक
उत्क्रमित मध्य विद्यालय
छोटका कटरा
मोहनियां कैमूर बिहार

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