शहीदों से हिन्दुस्तान
शहीदों से है हिन्दुस्तान,
इनको सिर झुकाएं हम।
अमर है इनकी गाथा जो,
करती सदा है आंखें नम।
आजादी की लड़ाई में,
वीरों ने कितने दिये प्राण।
आओ हमसब आज फिर से,
याद करें उनका बलिदान।
सत्तावन में लक्ष्मीबाई ने,
शुरू करी ये लड़ाई थी।
नाना साहब ने साथ दिया,
कुंवर सिंह ने जान गंवाई थी।
करते रहे अनेक लड़ाई,
विरसा जैसे भगवान भी।
लाला लाजपत, तिलक, गोखले,
की भी एक पहचान थी।
असहयोग आंदोलन से गांधी,
ने अपनी शुरुआत किया।
नेहरू, शास्त्री और राजेन्द्र ने,
शांति से हर बात किया।
राधाकृष्णन और बाबा साहब,
भी तो पीछे नहीं रहे।
भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु,
फांसी के फंदे को चूमे।
अबुल कलाम और जयप्रकाश,
ने भी जमकर प्रहार किया।
फांसी पर चढ़े खुदीराम,
आजाद ने खुद को मार लिया।
विमान दुर्घटना में सुभाष ने,
दे दी अपनी हंसकर जान।
और बहुत से वीरों ने भी,
लड़ते लड़ते निज दिए प्राण।
आज उन्हीं की याद में हम,
ये दिन वर्षों से मनाते हैं।
उनके त्याग और बलिदान,
के आगे सिर झुकाते हैं।
सुधीर कुमार
किशनगंज बिहार