शिक्षागीत
आओ बच्चों चलें स्कूल,
इस बार करें कोई न भूल।
पढ़-लिखकर पाना है ज्ञान,
दूर करना है मन का अज्ञान।
पुस्तक कलम है अपना साथी,
करें न हम समय की बर्बादी।
समय बड़ा है मूल्यवान,
बनना जरूरी है ज्ञानवान।
पढ़ने का है मूल अधिकार,
क्यों न पाएं अपना अधिकार।
धूल का फूल होते हैं बच्चे,
अपने दिल के होते हैं सच्चे।
बचपन इनसे न छिना जाय,
इनका बचपन बुना जाय।
जो बच्चे हैं शिक्षा से दूर
जागरूक करना उसे जरुर।
समाजिक चेतना जागृत है करनी,
अनपढ़ होकर क्यूं पानी है भरनी।
सब समझें सब जाने यह अधिकार,
जो बचपन छिने उनका करें प्रतिकार।
जब होंगे हर बच्चे स्कूलों में,
खिलेंगे, महके़गे, दमकेंगे फूलों में।
🙋💁🙆🙅🤷🤦🙍🙎🧖
सुरेश कुमार गौरव ✍️
मेरी पूर्णतः मौलिक रचना
@सर्वाधिकार सुरक्षित
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