शिक्षक की पुकार
तुम्हीं राष्ट्र की शान हो,
तुम्हीं बच्चे महान हो।
तुम्हीं हीरे की खान हो
सच में तुम भगवान हो
तुम्हीं राष्ट्र—————–
अपनी माँ की हो तुम जान,
तुम ही हो सबका आभिमान।
मेरा भी तुम ही हो सम्मान,
तुम्हीं हो अपने राष्ट्र की आन।
तुम्ही राष्ट्र——————-
याद रखना तुम मेरे प्रिय छात्र,
यह जीवन नहीं हैं खुशी मात्र।
यह जीवन नहीं है गुलाबों की सेज,
कांटों से संघर्ष करके ही बनोगे तेज।
तुम्हीं राष्ट्र——————–
पढ़ाई ही है तेरे जीवन की तपस्या,
खूब करो मेहनत, चाहे पूर्णिमा हो या अमावस्याअमावस्या।
तुम्हीं राष्ट्र —————
पानी होगी तुम्हें एक पहचान,
तभी समाज में रहेगी शान।
करना सबका तुम सम्मान,
न करना कभी किसी का अपमान।
तुम्हीं राष्ट्र——————-
पाकर विद्या, बुद्धी, बनो महान, व्यवहार दिखाकर बनो सबकी जान, तभी रहेगा तुम्हारा मान,
माँ-बाप का भी बढ़ेगा स्वाभिमान।
तुम्हीं राष्ट्र——————–
तुम्हीं परिवार के सीप हो,
तुम्हीं मंगलदीप हो,
तुम्हीं आशाओं के सुमन हो,
आकांक्षाओं के आकाशदीप हो।
तुम्हीं मेरे गीत हो,
सहपाठियों के मीत हो।
समाज की शान हो तुम,
तुम्हीं राष्ट्र की आन हो।
रीना कुमारी
प्रा० वि० सिमलवाड़ी पशिचम टोला
बायसी पूर्णियॉ बिहार