Site icon पद्यपंकज

शून्य-एकलव्य

शून्य

अंको में बड़ा शान है
शून्य मेरा नाम है
ना मैं धन ना मैं ऋण
मध्य बैठ संख्या रेखा पर
संख्या रेखा समझाती हूँ 
बायीं ओर ऋण संख्या होती
दायीं ओर धन को मैं रखती
अंकों में बड़ा शान है
शून्य मेरा नाम है।

जोड़-घटाव में बस ना चलता
उसी में जाकर मिलना पड़ता
गुना में मेरी ताकत देखो
खुद में सबको समा हूँ लेती
अंको में बड़ा शान है
शून्य मेरा नाम है।

अंश पर यदि मैं बैठ जाऊँ 
भागफल मैं खुद बन जाऊँ 
यदि किसी ने हर पर रखा
अनंत भागफल मैं कहलाऊँ
अंकों में बड़ा शान है
शून्य मेरा नाम है।

पुत्र बन भारत माँ का
आर्यभट्ट ने जन्म दिया
विकास का माला गले पहना कर
ब्रह्मगुप्त ने मान दिया
अंको में बड़ा शान है
शून्य मेरा नाम है।।

एकलव्य
संकुल समन्वयक
मध्य विद्यालय पोखरभीड़ा
पुपरी,सीतामढ़ी

0 Likes
Spread the love
Exit mobile version