उत्कल उद्र ओडीशा
भगवान जगन्नाथ की भूमि
कलिंग, उत्कल, उद्र,और
उड़िसा, प्राचीन नामो वाला
1 अप्रैल 1936 को एक
स्वतंत्र प्रदेश बना ओडिशा।
भगवान विष्णु की भोगभूमि
अथवा श्वेतद्वीप शंख जैसे
आकार के कारण शंख क्षेत्र
नाम से भी जाना जाता था
ओडिशा।
भारत के पूर्वी तट पर स्थित
उत्तर में झारखण्ड, उत्तर पूर्व
में पश्चिम बंगाल, दक्षिण में
आंध्र प्रदेश और पश्चिम में
छत्तीसगढ़ और पूर्व में
बंगाल की खाड़ी से घिरा।
इसकी राजधानी भुवनेश्वर
उत्तरी व पश्चिमी भाग में
छोटानागपुर पठार, यहां
महानदी, ब्राह्मणी, कालिंदी
और वैतरणी नदियों का क्षेत्र
उपजाऊ भूमि से धिरा।
क्षेत्रफल 1,55,707 किमी
और इसके हैं ज़िले 30
क्षेत्रफल में ओड़िशा
भारत का नौवां और
जनसंख्या में ग्यारहवां
सबसे बड़ा राज्य।
1672 मीटर ऊँचा देवमाली,
राज्य का सबसे ऊँचा स्थान
संबलपुर में हीराकुड बांध
विश्व का सबसे लंबा मिट्टी
का बांध, और यहां सबसे
अधिक बोली जाने वाली
भाषा ओड़िआ।
पूर्वी भारत का सुनहरा
त्रिकोण, पर्यटन में, पुरी,
भुवनेश्वर और कोणार्क के
सूर्य मंदिर, धौली में शांति
पार्क, ललितगिरि, उदयगिरि
लांगुडी के बौद्ध स्थल महान।
पुरी के जगन्नाथ मंदिर और
रथयात्रा विश्व प्रसिद्ध
ब्रह्मपुर के जौगदा में स्थित
सम्राट अशोक का प्रसिद्ध
शिलालेख और कटक का
बारबाटी किला महान।
700 वर्षों से भी अधिक
समय से प्रसिद्ध ओडिशा का
शास्त्रीय नृत्य ओड़िशी
ईश्वर के लिए किया जाने
वाला यह है मंदिर नृत्य,
मयूरभंज और सरायकेला
प्रदेशों का छऊ नृत्य भी
है विश्व प्रसिद्ध।
नंदनकानन, चिल्का झील,
प्राचीन गुफाएं, रत्नगिरि,
ललितगिरि और उदयगिरि
के बौद्ध भित्तिचित्र मनोरम
भुवनेश्वर लिंगराज मन्दिर
के लिए भी प्रसिद्ध।
1 अप्रैल को प्रतिवर्ष
उत्कल दिवस (ओड़िशा दिवस)
के रूप में मनाया जाता
सम्राट अशोक के साथ हुए
कळिंग युद्ध का साक्षी ओडिशा।
अपराजिता कुमारी
राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय
जिगना जगरनाथ
हथुआ गोपालगंज
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