Site icon पद्यपंकज

वैभवशाली बिहार-लवली वर्मा

वैभवशाली बिहार

22 मार्च 1912 को पृथक होकर,
पाया बिहार ने अपना अस्तित्व।
109 वर्षों की गौरवशाली यात्रा,
अतीत हज़ार वर्षों से रहा समृद्ध।

समृद्ध संस्कृति, जीवंत परंपरा,
भूमि अत्यंत है वैभवशाली।
विद्वानों-दार्शनिकों की जन्मभूमि,
बना इसका इतिहास गौरवशाली।

ऐतिहासिक हो या फिर धार्मिक,
सांस्कृतिक में भी विशिष्ट पहचान
अछूता नहीं इसका कोई पहलू,
हर क्षेत्र में मिलता है सम्मान।

कला, संस्कृति और साहित्य में,
योगदान इसका है महत्वपूर्ण।
पाकर अनेक साहित्यकारों को,
मिला हमें विश्व में सम्मान।।

बिहार दिवस है पावन दिन,
हर बिहारी के लिए उत्सव।
याद करते हम विभूतियों को,
जिनसे मिला इस भूमि को वैभव।

लवली वर्मा
प्रा. वि. छोटकी रटनी
हसनगंज, कटिहार

0 Likes
Spread the love
Exit mobile version