विद्यालय का श्यामपट्ट
श्यामपट्ट विद्यालय का,
देखो बैठा है उदास।
ढूंढ रही उसकी नजरें,
करता बच्चों को तलाश।
याद आती है उसे,
बच्चों का कोमल स्पर्श।
जब वे लिखते मन की बातें,
होता उसे अत्यंत हर्ष।
सभी विषयों का अध्ययन करते,
पाठ्यवस्तु होती थी प्रस्तुत।
श्यामपट्ट एवं चाक की जोड़ी,
देख बच्चे हो जाते खुश।
है हमारा यह सहायक,
शिक्षक-बच्चें हैं आभार।
दूरी मिट जाएगी अब,
खत्म होगा यह इंतजार।
श्यामपट्ट फिर सज उठेगा,
बच्चों के चित्रांकन से,
बगिया विद्यालय की खिलेगी,
नन्हों की मुस्कान से।
लवली वर्मा
प्राथमिक विद्यालय छोटकी रटनी
हसनगंज,कटिहार।
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