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यह देश है उन मतवालों का -बिंदु अग्रवाल

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यह देश है उन मतवालों का

यह देश है उन रखवालों का
आजादी के मातवालों का,
रखने को शान तिरंगे की
जिन लोगों ने जान गवांई है।

कोड़े खाए नंगे तन पर
हर जुल्म फिरंगी का झेला,
दर – दर भटके भूखे प्यासे
सीने पर गोली खाई है।

वो पागल थे,दीवाने थे
आजादी के परवाने थे,
था इश्क वतन से ही उनको
प्रेम की रीत निभाई है।

कूद पड़े जो समर भूमि में
दे दी प्राणों की आहुति,
अपने शीश की बलि चढ़ा
वतन की लाज बचाई है।

धन्य – धन्य वो मात हमारी
धन्य है उनकी गोद के लाल,
बहा लहू की नदियाँ फिर
हमने आजादी पाई है।

जब तक तन में प्राण हमारे
और रगों में खून है,
देश की खातिर जीना मरना
यही शपथ दोहराई है।
कसम वतन की खाई है।

बिंदू अग्रवाल , शिक्षिका मध्य विद्यालय
गलगलिया
किशनगंज, बिहार

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