Site icon पद्यपंकज

यह जीवन है-प्रकाश प्रभात

यह जीवन है

यह जीवन एक आधार है,
इसका रंग-रुप न आकार है।
सबसे मिलते सबसे जुलते,
हाथों में भी सबके हाथ है।

जीवन में गर पैसा ही पैसा,
तो सुख और ऐश्वर्य भी है।
जीवन में कुछ भी नहीं तो,
ये जीवन भी बेकार है।

गरीब दुःखी व झुग्गी घर है,
अमीर खुश ऊँचा मकान है।
अगर दोनों में संतोष है तो,
जीवन भी खुश जहान है।

जीवन तो एक दरिया है,
बहना उसका काम है।
सुख दुःख के सागर में ये,
जिंदगी भी एक समान है।

सुख में गले सभी मिलते,
दुःख में मिलते न हाथ है।
पापी के साथी इस जहान में,
पुण्य के न कोई साथ है।

सुख-दुःख भी अंश है,
प्रकृति ने भी ठाना है।
जो हमें मजबूर करे,
उसे भी तो सिखाना है।

✍🏻✍🏻✍🏻प्रकाश प्रभात
प्राo विo बाँसबाड़ी

बायसी, पूर्णियाँ, बिहार

0 Likes
Spread the love
Exit mobile version