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अनुगूंज हिंदी की (Anugoonj Hindi ki) – Sujata kumari

हिंदी है हमारी अपनी आत्मा की पहचान, 

जिसमें है हमारे हिंदुस्तान की पहचान।

संस्कृति की गाथा परंपरा का मान,

हिंदी से जगमगाता है हिंदुस्तान। 

कहीं रंगोली, कहीं होली, कहीं माथे पर सजती है बिंदी,

हर रंग में जो गूंजे वही बोली है हिंदी।

अनुगूंज हिंदी की गूंजे हर दिल में, 

जैसे दीप जले हर महफिल में। 

हमारी संस्कृति हमारा मान, हमारा सम्मान, 

यही हिंदी से सजता है हमारा हिंदुस्तान। 

हिंदी में यही मिठास और अपनापन, 

यही है असली पहचान। 

अनुगूंज हिंदी की सदा रहे अमर, 

यही है हमारी अस्मिता की पहचान।

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