अनुशासन जो जीवन में लाए,
हर मुश्किल में जीत वो पाए।
जो भी समय का मान करेगा,
सपनों को वह साकार करेगा।
सुबह-सुबह उठना है प्यारे,
नियमों को अपनाना सारे।
पहले पढ़ाई, फिर हो खेल,
बिना नियम सब होंगे फेल।
स्कूल समय पर जाना होगा,
हर काम सलीके करना होगा।
गुरुजन की आज्ञा में रहना,
अच्छे गुण सदा ही गहना।
जो भी गलियों में भटकेगा,
समय को यों ही गवाँएगा।
उसका जीवन रुक-सा जाएगा,
हर सपना अधूरा रह जाएगा।
तो आओ हम यह ठान चलें,
हर दिन नियम से काम करें।
डगर पकड़कर अनुशासन की,
खूब पढ़ें,आगे बढ़ें, इसे अपनाकर।
सुरेश कुमार गौरव,
प्रधानाध्यापक
उ. म. वि. रसलपुर, फतुहा, पटना, बिहार
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