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अलख जगाना है – मृत्युंजय कुमार

Mrityunjaya

नन्हें-मुन्हें बच्चों में शिक्षा का अलख जगाना है।
राष्ट्र- निर्माता होने का अपना फर्ज निभाना है।।

समाज के दबे-पिछड़ों को शिक्षा का महत्व बताना है।
कुशल शिक्षक होने का अपना फर्ज निभाना है।।

ठान लें हम अगर कि बच्चों में बदलाव लाएंगे।
तो निश्चित हीं हम बच्चों के भविष्य बेहतर कर दिखलाएंगे।।

इसलिए हमे गर्व है कि हम है राष्ट्र- निर्माता।
शिक्षा का जो अनवरत, रहता अलख जगाता।।

मृत्युंजय कुमार
नवसृजित प्राथमिक विद्यालय खुटौना यादव टोला
पताही,पूर्वी चम्पारण

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