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आजादी का ज़श्न – रूचिका

Ruchika

आजादी का जश्न कुछ इस प्रकार मनाएँ,

अशिक्षा, गरीबी, भूखमरी को मिटाएँ।

सिर्फ सिद्धांत से ही नही अनुपालन से भी,

हम चलें समानता का अलख जगाएँ।।

अंधाधुंध विकास की दौड़ में न भागे,

सभ्यता और संस्कृति सर्वदा हो आगे,

नियमों के अनुपालन से नहीं पीछे हटें,

अधिकारों संग कर्तव्यों के लिए रहें आगे।

स्कूली शिक्षा पर सबका अधिकार हो,

रोजी-रोटी के लिए नहीं कोई घूमे बेकार हो,

नही कोई शोषक हो, नही कोई शोषित,

नही आपसी अहम् में कोई तकरार हो।

स्त्रियों की अस्मिता पर नहीं हो खतरा,

भयमुक्त जीवन रहे, नहीं कोई हो डरा,

दुर्बल ,असहाय को भी साथ ले बढ़ें,

हरित वातावरण से समृद्ध हो धरा।

देश के भीतर छिपे गद्दारों से देश को बचाएँ,

आतंकवादियों को सब मिलकर भगाएँ,

जमाखोरी, मुनाफाखोरी खत्म हो देश से,

इसके लिए कानूनों को सख्त कर जाएँ।

तभी आजादी का जश्न मनाना सार्थक हो,

आओ सब मिलकर राष्ट्र ध्वज का मान बढ़ाएँ।

रूचिका

राजकीयकृत उत्क्रमित मध्य विद्यालय तेनुआ ,गुठनी ,सीवान बिहार

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