एक शिक्षक अपनी पूरी जिंदगी
बच्चो के साथ बिताते हैं।
खुद सड़क की तरह एक जगह रखते है
पर विद्यार्थी को मंजिल तक पहुंचा देते है ।
कोई पेशेवर खिलाड़ी नही होते
पर खेल – खेल में बच्चो को सिखा कर आगे बढ़ाते हैं।
जलते है खुद मोमबत्ती की तरह
पर बच्चो के जीवन को रौशन कराते हैं।
जीवन भर काले श्यामपट्ट पर कार्य करते हुए
बच्चे के जीवन मे उजियारा लाते है।
हम शिक्षक समाज के दर्पण है
बच्चो को नैतिकता का पाठ पढ़ाते है।
जीवन में चाहे कैसे भी मोड़ हो
असंभव को भी संभव कर दिखलाते है।
गर्व है की मैं एक शिक्षक हूं।
हम शिक्षक देश के राष्ट्र निर्माता कहलाते है।
पुष्पा प्रसाद (शिक्षिका)
राजकीय कन्या मध्य विद्यालय कुचायकोट,गोपालगंज
बिहार
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