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करवा चौथ- रत्ना प्रिया

Ratna Priya

रत्ना प्रिया

सुख, समृद्धि, सौभाग्ययुक्त यह करवा-चौथ त्यौहार है,

दांपत्य के मधुर प्रेम का, प्रेम पूर्वक उपहार है।

गणेश, गौरी का पूजन करके, रजनीपति को ध्यायें हम,

विघ्नहर्ता को शीश झुकाकर सुख-सौभाग्य पाएँ हम,

हर जन्म का साथ हो अपना, खिले कमल-सा जीवन हो,

घर-आँगन हो खिला-खिला सा, जीवन अपना मधुवन हो।

शिव-शक्ति सा अटूट प्रेम, माधुर्य प्रेम का आधार है।

सुख, समृद्धि, सौभाग्ययुक्त यह करवा चौथ त्यौहार है।

चंद्रमा की शीतलता में, दूधिया धवल प्रकाश है,

एक दूजे में विश्वास का, हर-एक-पल आभास है,

सुंदर नैसर्गिक अनुभूति को, आओ मिलकर बाँटे हम,

अंतर्मन की जो दूरी है, दोनों मिलकर पाटें हम।

भावनाओं की कोमलता में, सुमधुर-भाव संचार है।

सुख, समृद्धि, सौभाग्ययुक्त यह करवा चौथ त्यौहार है।

करवा के सत्प्रयास से फिर, अमर हुआ सुहाग है,

त्याग, तपस्या के कारण ही पुन:, पुष्पित हुआ अनुराग है

पतिव्रता की अनगिन कथाएँ, सुसंस्कृति की थाती है,

सावित्री, सीता सम नारी पातिव्रत्य धर्म निभाती है।

महिमामयी इन नारियों का, श्रद्धापूर्ण आभार है।

सुख, समृद्धि, सौभाग्ययुक्त यह करवा चौथ त्यौहार है।

रत्ना प्रिया

हिन्दी शिक्षिका (11- 12)

उच्च माध्यमिक विद्यालय माधोपुर, चंडी, नालंदा

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