कान्हा तेरी दुनिया
कान्हा तेरे प्रेम में दीवानी सारी दुनिया,
तेरे ही मुस्कान में खो जानी सारी दुनिया।
तू है कान्हा राधा रानी है ये सारी दुनिया
कान्हा तेरे नाम में मस्तानी सारी दुनिया।
कान्हा तू जो अधरों में बाँसुरी लगाए,
तेरे धुन राग में है गाये सारी दुनिया।
नाच तू नचाये और बात भी बनाये ,
तेरे इन्ही बातों में रम जानी सारी दुनिया।
मधुवन तेरा गोपी तेरी बृंदावन तेरा ही है,
मैं क्या हूँ तू घट घट में ये सारी तेरी दुनिया।
दुष्टों का दलनकर्ता तू संतों का रखवाला है,
चीरहरण के तारक की मनमानी सारी दुनिया।
तू है प्रेमी तू है रसिया तू ही ब्रह्म तू गीता है,
क्या क्या तू है ढूंढती खयाली सारी दुनिया ।
कान्हा तेरे प्रेम में दिवानी सारी दुनिया,
तेरे ही मुस्कान में खो जानी सारी दुनिया।
डॉ स्नेहलता द्विवेदी आर्या
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Dr. Snehlata Dwivedi


