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क्षमा भाव को समझे- धीरज कुमार

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है इंसान का जीवन पाया तो…

गलती  तो सभी से होती है।

 

हम चाहे जितना भी भूल ना हो…

पर कही कभी अनजाने में भी गलती होती है।।

 

अपनी गलती स्वीकार कर ले जो….

तब क्षमा भाव से क्षमा करनी तो बनती है।

 

लेकिन जब खुद में अहंकार हो….

तब एक दूजे में बात बनती नही,बिगड़ती है।।

 

छोटी छोटी बातो पर भी…

एक जंग महाभारत जैसी छिड़ती है।

 

जिसने भी सीखा क्षमा भाव तो….

उसके साथ के सभी रिश्ते में हीरे सी चमक चमकती है।।

 

छोटे हो या बड़े कोई भी ….

 

क्षमा भाव सभी में जब पलती है।

 

हर जगह सम्मान उनको है मिलता, रिश्तों की सुंदर माला बनती है।

 

धीरज कुमार

उत्क्रमित मध्य विद्यालय सिलौटा भभुआ जिला कैमूर(बिहार)

 

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धीरज कुमार

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