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गीत – मुकेश कुमार मृदुल

Mukesh Kumar Mridul

मेरे बाबू, मेरे भइया
तुम तो नाचो ता – ता थइया
मदारी बनकर आता है
भालू को संग ना लाता है
बातें ही तेरी – मेरी करके
बातों से भरमाता है
जोड़े हाथ, पड़ता पइयां
शीश झुकाता है वह मइया
तुम तो नाचो ता – ता थइया
नए तरीकों का है मजमा
ठीक करा लो अपना चश्मा
केवल उसे बतलाओ तू
किसे कहाँ पर लगा है सदमा
पहुँच वहाँ कहता हे दइया
मैं तेरा दुखड़ा सुनवइया
तुम तो नाचो ता – ता थइया
बनकर वह सबका उद्धारक
बनवाते फिरता स्मारक
सपने जो तूने पाले हैं
उसका ही है वह संहारक
कहना मुश्किल उसे कसइया
बना वही जो नया खिबइया
तुम तो नाचो ता – ता थइया

संपर्क – विद्यालय अध्यापक(11-12),
उच्च माध्यमिक विद्यालय दिघरा, पूसा,
समस्तीपुर, बिहार
मोबाइल – 9939460183

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