आओ सब मिल खेले खेल
मैं इक गुड़िया, बच्चों के मन को भाती
सुंदरता मेरी प्यारी प्यारी
मैं कई रूप रंगों में आती।
तुम जैसा मुझे बनाओगे,
वैसा मैं बन जाऊंगी।
जिस रूप में मुझे ढालोगे,
उसी में ढल जाऊंगी।
मेरी कभी कोई जिद्द नहीं,
किसी बात का मुझे घमंड नहीं।
तुम्हारी खुशी में मेरी खुशी है,
तुम बच्चों से ही मेरी हस्ती है।
द्वारा: अदिती भुषण
विद्यालय: प्रा० वि० महमदपुर लालसे
प्रखण्ड: मुरौल
जिला: मुजफ्फरपुर
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