मुख में राम बगल में छुरी, लानत ऐसी यारी को । अब भारतीय नहीं सहेंगे, दुश्मन की गद्दारी को ।। मानवता से मेल नहीं है, शत्रु के क्रूर विचार में।…
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मौन नहीं रहना (पहलगाम पर) – राम किशोर पाठक
छंद – मतगयंद सवैया पार करें दुःख की घड़ियाँ हम, मौन नहीं रहना अब सीखें। छोड़ दिए हम क्यों लड़ना अब, ओज भरें, फिर दुश्मन चीखें।। वार करे जब कुत्सित…
वीर कुँवर की हुंकार – एस. के. पूनम
विधा: मनहरण छंद मगध की भूमि पर, कुँवर सेनानी वीर, हुंकार शार्दूल सम, दुश्मनों के काल थे। न थी उम्र की चिंता, न थी शिकन की रेखा, आभा लिए रवि-सम,…
मैं पत्रकार हूं – मनु कुमारी
मैं पत्रकार हूं ! मैं जनतंत्र की आवाज, लोकतंत्र का साज हूं, मैं पत्रकार हूं। कलम हमारी ताकत है,कलम हमारी जान है। कलम से हीं विश्व भर में बनी मेरी…
उचित व्यवस्था है संविधान- सुरेश कुमार गौरव
देश का संविधान भारत के लोगों का है जरुरी विधान, इससे ही होता है हम भारतीयों के सभी जरुरी निदान। जब अंग्रेजी सत्ता वापस हुई तब देश स्वतंत्र हुआ, फिर…
मौसम का कहर- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
गर्म ये हवाएं चली,वदन में आग लगी, अप्रैल के आरंभ में, खिल रही कड़ी धूप। अभी केवल झांकी है, मई आना तो बाकी है, धरती को लील रही,धर के प्रचंड…
अब ये कदम ना पीछे हटेंगे – कुमकुम कुमारी “काव्याकृति”
ऐ सुन मेरे भाई मत बोल तीखा, अभी तो मैंने बस चलना है सीखा। पूरा है भरोसा स्वयं पर मुझको, मुकद्दर से मैंने लड़ना है सीखा। लगा ले चाहे कोई…
प्रकृति का तांडव-अमरनाथ त्रिवेदी
सांसारिक क्लेश अब, नस -नस में चुभने लगी है । सत्प्रयोजनों से नाता , ज्यों छूटने लगी है । हमीं ने किया है , ऐसा आयोजन । हमी से फैली…
प्रारंभ -अदिती भुषण
वो शाम सुहानी जाते जाते, कर गई रूहानी जाते जाते। संदूक में दबा कर रखा था, जिन जज़बातों को हमने कभी, न जाने कैसे खुल गई जाते जाते। कितना कुछ…
बगावत नहीं होती -डॉक्टर मनीष कुमार शशि
भगवान की अदालत में वकालत नहीं होती, किसी के चिल्लाने से कयामत नहीं होती। जहाँ रहेंगे सच्चरित्र औ पक्के ईमानवाले, किसी के भड़काने से बगावत नहीं होती। इतना सीख चुका…