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झंडोतोलन या ध्वजारोहण

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आजादी का जश्न

मन में उठा प्रश्न

स्वतंत्रता दिवस पर

झंडोतोलन या ध्वजारोहण?

कौतूहल का शोर

रात से हो गई भोर

समझ नहीं पाया

कैसी है ये माया?

 

जानने की उत्कंठा से

चर्चा छिड़ा अपनों से

आखिर क्या है फर्क

इसका न था कोई तर्क?

 

चर्चा से

बातें और गहराई,

सुलझाने के चक्कर में

बातें और उलझाई,

सोचा क्या करूं भाई,

तब झंडा संहिता की याद आई।

 

पढ़ा और मिला ज्ञान

मैं था इससे अनजान,

बताता हूं इसकी पहचान

जानकार हो जाएंगे हैरान।

 

स्वतंत्रता दिवस पर,

ध्वजारोहण !

गणतंत्रता दिवस पर

झंडोतोलन!

इतने पर नहीं रुका,

उद्गार अभी भी था सूखा।

 

ध्वजारोहण में,

झंडा बंधता

पोल के नीचे,

बंधे झंडे को

नीचे से ले जाकर ऊपर

तब डोरी को खींचे।

 

झंडोतोलन में,

झंडा बंधता

पोल के ऊपर,

डोरी खींच उसे फहराते,

लहराता जैसे नभ पर।

 

गर्व है अपने झंडे पर

रखेंगे सदा इसका मान,

आज ध्वजारोहण पर

चलो करें इसका गुणगान।

हिन्दुस्तानी होने पर गर्व है,

भारत माता की जय बोलना फर्ज है।

 

 

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Vivek Kumar

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