नर्स धरा पर आई,
बहन का नाम पाई,
सेवा भाव साथ लाई,वही अभिमान है।
छुआछूत दूर रहे,
दीन-दुखी प्रिय कहे,
भेदभाव करें नहीं,दीदी तो महान है।
चिंतन करती रहें,
दुख -सुख से हो परें,
रिश्ते-नाते जोड़ कर,करती निदान है।
भूमंडल तेरी जैसी,
नहीं पाया दुजा हस्ती,
निकाले डूबती कस्ती,देती प्राणदान है।
एस.के.पूनम(पटना)
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