हे प्रभु! हम बालक बड़े नादान,
आप हमें दें यह वरदान।
जल्दी निपुण, बन जायें हम,
भारत के निपुण बालक कहलायें हम।
पढ़ने- लिखने में हों बालक अच्छे,
भाषा-गणित में हो जायें पक्के।
हम अपनी धुन में हों जायें सच्चे,
हे अल्लाह ! आप हमें दें यह वरदान।
हम सब बालक बड़े नादान।
गुरुजन का सदा कहना हम मानें,
निपुण बनना जीवन का लक्ष्य हों, हम जानें।
पढ़-लिख कर हम सब बनें महान।
सुशिक्षित भारत के नौनिहाल बनें,
हे सद्गुरु ! आप हमें दें यह वरदान।
हम सब बालक बड़े नादान।
पढ़ना-लिखना जब सीख जाएँगे,
प्रवीण विद्यार्थी हम कहलाएँगे।
हों जाएँगे भारत के निपुण बच्चे,
अपनी धुन के हैं हम पक्के-सच्चे।
हे भगवान ! आप हमें दें यह वरदान।
हम सब बालक बड़े नादान।
पढ़-लिखकर हम पाएँ ज्ञान,
निपुण बनकर बढ़ायें भारत का मान,
हे प्रभु! आप हमें दें यह वरदान।
हम बढ़ायें भारत का मान,
हमसे चमके भारत का नाम।।
अवनीश कुमार
व्याख्याता
बिहार शिक्षा सेवा