पिता हीं है शान हमारी
पिता हीं है शान हमारी।
है उनसे पहचान हमारी।।
पिता का कर्ज चुकाना है।
बेटा होने का अपना फर्ज निभाना है।।
पिता जी रखते हमारा ख्याल।
होने न देते कोई मलाल।।
पिता एक उम्मीद और आस है।
परिवार की हिम्मत और विश्वास है।।
पिता अपना फर्ज निभाते है।
बच्चे की खुशी की खातिर अपना सुख भूल जाते है।।
मेरा साहस,इज्जत और सम्मान है पिता।
मेरी ताकज,दौलत और मेरी पहचान है पिता।।
घर के सारे बोझ उठाते है।
अपने सारे दुःख भूल जाते है।।
संस्कार वह हमें सिखलाते।
अच्छे-बुरे का भेद बतलाते।।
पिता हमारी दुनियां के आसमान हैं।
हमारी हर खुशियों के मुस्कान हैं।।
बचपन में उंगलियां पकड़कर चलना सिखाया।
हर मुश्किल से हमें लड़ना सिखाया।।
मेरी गलतियों पर आपकी हर एक डांँट ने मुझे संवारा है।
जीवन के पथ पर आगे बढ़ने में मुझे संभाला है।।
मृत्युंजय कुमार
नवसृजित प्राथमिक विद्यालय खुटौना यादव टोला
पताही,पूर्वी चंपारण
मो:-9955146027

