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पुस्तक है हम सबका साथी- अमरनाथ त्रिवेदी

Amarnath Trivedi

पुस्तक है हम सबका साथी

पुस्तक है हम  सबका  साथी ,
ज्ञान विज्ञान की है यह  बाती ।

नया  सवेरा   हमें   है   लाना ,
पुस्तक से नित ज्ञान है पाना ।

यह जीवन  में खुशियाली लाए ,
नया  नया  यह  ज्ञान   सिखाए ।

खेलें    कूदें ,   मस्ती    कर     लें ,
पुस्तकों से हम  दोस्ती भी कर लें ।

यह दोस्ती सुंदर सपने सजाए ,
नवल धवल यह रूप दिखाए ।

जीवन  को  यह  ज्ञान   से  भर दे ,
अज्ञानता को यह  बिल्कुल हर ले ।

स्वर्ग  वहाँ ; जहाँ   पुस्तक होती ,
कभी  नहीं   यह  विपदा   बोती ।

सारे  पुस्तक   ज्ञान   के  सागर ,
यह  थोड़े  में ही  भरता गागर ।

हर पुस्तक से कुछ ज्ञान ही पाते ,
ये  जीवन में बड़े  काम हैं  आते ।

अच्छी     पुस्तक    पढ़ें   पढ़ाएँ ,
इसे  पढ़कर  नित  ज्ञान  बढ़ाएँ  ।

यह    सुख , संपदा   हमेशा     घोले ,
फिर जीवन कभी विपदा नहीं  तोले ।

यह  उचित  अनुचित  का  ज्ञान  कराए ,
सदा     हम   सबका   अज्ञान    मिटाए ।

पुस्तक  पढ़ने     बैठ  जब   जाते ,
सब कुछ  जीवन में मंगल ही पाते ।

पुस्तक  को  हम सब  गले लगाएँ
मम्मी   पापा   यही   रोज  बताएँ ।

अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड बंदरा , जिला मुजफ्फरपुर

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