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प्रभु तेरा ठिकाना कहाँ- संजय कुमार

प्रभु मैं परेशान,थके हाल हूँ
क्योंकि तेरी दिल से आराधना करता हूँ
पर तुझे कहाँ ढूढूँ ये तो बता
अपनी जिज्ञासा बुझाने मैं तो परेशान हूँ।
तेरे बड़े बड़े भक्तों के पास गया
संतों धर्माचार्यों के पास गया
किसी ने बताया कि तू,
पर्वत पर रहता है
किसी ने कहा
कन्दराओं में रहता है
किसी ने बताया सागर में
डुबकी लगाने से दरस होगा
किसी ने कहा नदियों में डुबकी लगाने से।

सिद्ध मौलानाओं से मिला
अल्लाह तेरा पता तो
किसी ने एक जगह नहीं बताया
किसी ने मक्का बताया किसी ने मदीना
किसी ने मस्जिद बताया किसी ने मजार।
यीशु बड़े बड़े पादरियों के पास भी गया
अपने को आधुनिक ज्ञानी कहने वाले
ये तो और बिखरे-बिखरे मिले
सब ने तेरा पता अलग-अलग बताया
किसी ने कैथोलिक चर्च बताया
किसी ने प्रोटेस्टेंट चर्च।
प्रभु गहरी चेतन अवस्था में जाकर
दिल से तुझे आवाज़ दिया
तो उत्तर आया
कहाँ कहाँ तू ढूँढें बंदे
मैं तो तेरे पास में
मैं तुझे माँ की आँचल में पाया
पिता की गोद में पाया
परिजनों के प्यार में पाया
दुःखी जनों की सेवा में पाया।
प्रभु अब तो बता दे
तू रहता कहाँ है।

संजय कुमार
जिला शिक्षा पदाधिकारी
अररिया

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