आने वाले समय की,उसको न चिंता होती,
हमेशा वो हर पल, रहता बिंदास है।
आँखों में बसा के चित्र, सबको बनाए मित्र,
अपना ही हमजोली, आता उसे रास है।
मलाई बादाम-शेक, देख जीभ ललचाता,
चाकलेट व मिठाई, पसंद भी ख़ास है।
ममता की आँचल में, सदा गूँजे किलकारी,
निश्छल बचपन में, ईश्वर का वास है।
जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
म.वि. बख्तियारपुर, पटना
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