प्रहरणकलिका छंद
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सचमुच शिवरूप मगन दिखते।
गतिविधि करते खिल-खिल खिलत।।
तिलक चमक चंदन सम तिरते।
सर पर कच काजल कर फिरते।।
तन पर बघ-छाल नयन भरते।
चपल मन-मयूर बरस पड़ते।।
मनहर परिदृश्यन गगन तले।
हिय उमड़त पावन मगन चले।।
सिर पर शशि है चम-चम चमके।
शिव-प्रिय पहने सु-वदन हहके।।
सुखमय मुखमंडल चमक रहे।
निखरत छविमंडल महक रहे।।
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रामपाल प्रसाद सिंह ‘अनजान’
इंचार्ज,
मध्य विद्यालय दरवेभदौर
प्रखंड पंडारक पटना बिहार
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रामपाल प्रसाद सिंह'अनजान'


