भाई बहना संग में- महाधरणी छंद गीत
महिमा जिसकी गा रहे, लाया वह मनुहार है।
प्रेम भरा अनुराग ले, आया यह त्यौहार है।।
रिश्ते होते हैं बँधे, सदा प्रीत की डोर से।
संबंधों का मान है, नेह लिए चहुँ ओर से।।
सावन पावन भा गया, लाकर संग फुहार है।
प्रेम भरा अनुराग ले, आया यह त्यौहार है।।०१।।
भाई बहना संग में, जीवन के हर रंग में।
स्नेह सिक्त रहते सदा, पावन नवल उमंग में।।
कच्चे धागों में यहांँ, बँधता सबका प्यार है।
प्रेम भरा अनुराग ले, आया यह त्यौहार है।।०२।।
भाई रहता दूर हो, या बहना मजबूर हो।
दोनों हों समर्पित तो, यह जीवन दस्तूर हो।।
पूनम सावन मास में, मिलन एक उपहार है।
प्रेम भरा अनुराग ले, आया यह त्यौहार है।।०३।।
सरहद पर कोई खड़ा, रक्षा में तल्लीन है।
हमें गर्व का भान हो, सुख से हिंदुस्तान है।।
डोर उन्हें भी बाँधिए, जिनका यह अधिकार है।
प्रेम भरा अनुराग ले, आया यह त्यौहार है।।०४।।
बचपन फिर दुहरा गया, सावन की बौछार से।
संस्कृति सदियों से जुड़ी, मानवता के तार से।।
भाई का सुख चाहती, देकर रक्षा भार है।
प्रेम भरा अनुराग ले, आया यह त्यौहार है।।०५।।
गीतकार:- राम किशोर पाठक
सियारामपुर, पालीगंज, पटना, बिहार।
संपर्क – 9835232978

