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मंगलकर्त्ता गणेश – रत्ना प्रिया

Ratna Priya

हे गजानन, विघ्नविनाशक, आप हैं मंगलकर्त्ता।

हे विनायक, शुभ बुद्धिदायक, कष्ट हरो दु:खहर्त्ता।।

आए हैं प्रभु, शरण तिहारी, जीवन मंगल कर दो,

दुर्बुद्धि, छल का भाव, मिटा दो, मन में शुचिता भर दो,

तेरा है यह रूप मनोहर, हम जाएँ बलिहारी,

तेरा आशीर्वचन फले जो, औषध-सम हितकारी।

आशाओं के दीप जला दो, इस जग के कर्त्ता-धर्त्ता |

हे गजानन, विघ्नविनाशक, आप हैं मंगलकर्त्ता।

ॠद्धि- सिद्धि हैं देने वाले, व शुभ-लाभ के स्वामी,

बुद्धि-विवेक की दृष्टि सदा दो, गजाधर अंतर्यामी,

ध्येय दृष्टि से न हो ओझल, पथ पर बढ़ते जाएँ,

मंजिल की बस धुन हो मन में, हर पल चलते जाएँ।

आपके दर्शन, पूजन मन में, दिव्य ज्ञान है भरता।

हे गजानन, विघ्नविनाशक, आप हैं मंगलकर्त्ता।

रत्ना प्रिया
शिक्षिका (11-12)
उच्च माध्यमिक विद्यालय माधोपुर
चंडी, नालंदा

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