मछली रानी बड़ी सयानी
मत कर तू मनमानी।
कितने सुंदर शल्क हैं तेरे
कोमल तन को ढकता।
गिल्स से सांस लेती हो तुम
प्यारी प्यारी आंखें तेरी।
कभी पानी के ऊपर
कभी बीच में जाती
कोई पकड़ने जब जाता तो
गहरे पानी में छुप जाती।
मछली रानी बड़ी सयानी
मत कर तू मनमानी।
पूछ है तेरी बड़ी निराली
जब तुम उसे हिलाती हो
मतवाली बन जाती हो।
धूर्त मछलिया बनकर
किसी के पकड़ ना आती हो।
नौकाकार बनावट तेरी
सुंदर प्यारी लगती हो।
रंग बिरंगी मछली सारी
झुंड बनाकर रहती हो।
मछली रानी बड़ी सयानी
जीवन तेरा पानी है।
ब्यूटी कुमारी
मध्य विद्यालय मराँची
बछवाड़ा, बेगूसराय
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