मेरा मानवता हीं धर्म है
यदि मानव ,मानव न बन सका तो
मानव के लिए तब शर्म है
मेरा मानवता हीं धर्म है।
मानव रहकर शुभ कर्म करो
दुःख न दो किसी को शर्म करो,
देख रहा ऊपर प्रभु परमात्मा
जरा यम से थोड़ा डरा करो।
कुछ लेकर नहीं तुम आया है
कुछ लेकर नहीं तुम जाएगा,
हम मानव हैं हमें गर्व है
मेरा मानवता हीं धर्म है ।
चौरासी लाख योनियों को पार किया
फिर मनुष्य रूप में अवतार लिया,
साधु संतों का तुम संग धरो
जैसा साधु कहे वैसा कर्म करो।
मानव ,मानव में नहीं लड़ो
किसी जीव को भी मत मारो,
सब जीव ईश्वर के संतान हैं
मेरा मानवता हीं धर्म है।
अच्छा कर्म का फल अच्छा होगा
बुरा कर्म का फल बुरा होगा,
मानव हो मानव का गुण सीखो
मानवता से सभी का दिल जीतो।
फिर मानव शरीर न मिल पाएगा
तुम जनम -जनम पछताएगा,
ऐसा संतों का कहना है
तेरा मानवता हीं धर्म है।
नीतू रानी
स्कूल -म०वि०सुरीगाँव
प्रखंड -बायसी
जिला -पूर्णियाँ बिहार।