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मानव है वही जो- अमरनाथ त्रिवेदी

Amarnath Trivedi

मानव  है वही जो ,
मानव के काम आए।
इंसानियत उसी में,
जो शराफत से पेश आए।।

खतरे बहुत अधिक हैं,
मुश्किलें राहों में पड़ी हैं।
कहीं इसमें खो न जाना ,
चलना सँभल-सँभल के।
जो जीवन में  रास्ता दिखाए ,
सच में तेरे वही काम आए।

मानव है वही जो,
मानव के काम आए।
इंसानियत उसी में,
जो शराफत से पेश आए।।

मुश्किलों पर मुश्किलें  हों भारी,
तब भी सब्र से काम लेना।
किसी से वादा जो करना,
उसे करके भी निभाना।
कुछ जतन अच्छा कर ले ,
यह तुम्हारे काम आए।

मानव है वही जो,
मानव के काम आए।
इंसानियत उसी में,
जो शराफत से पेश आए।।

तेरा बुलंद हों जमाना,
या तेरे गर्दिश भरे सितारे।
साथी बनाया जिसको,
कभी उसे  न भूल  जाना।
तुम याद रखो उन्हें भी,
जो तुम्हारे वक्त काम आए।

मानव है वही जो,
मानव के काम आए।
इंसानियत उसी में ,
जो शराफत से पेश आए।।

सब रह जाएँगे यहीं पर,
यहाँ से कुछ न ले  जा सकोगे,
जब टिकट कट जाएगी यहाँ से,
न  यहाँ एक क्षण रुक सकोगे।
इस जन्म का मतलब समझो,
जो तेरे  जीवन के  काम आए।

मानव है वही जो,
मानव के काम आए।
इंसानियत उसी में,
जो शराफत से पेश आए।।

कभी न पालो तुम  गुरुर मन में,
न कहीं यह इंसान का धरम है।
जीवन मिला तुम्हें जब,
दिल परोपकार में  लगाओ।
जीवन सच्चा है उसी का,
जो  हर दिल अजीज भाए।

मानव है वही जो,
मानव के काम आए।
इंसानियत उसी में,
जो शराफत से पेश आए।।

अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर विद्यालय बैंगरा
प्रखंड- बंदरा, जिला- मुज़फ्फरपुर

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