बंदर मामा चले ससुराल
पहनकर सिर पर टोपी लाल।
है उनके साले की शादी
मामा पहने कुरता खादी।।
साथ चली उनकी बंदरिया
सिरपर ओढे लाल चुनरिया।
ठुमक ठुमक के पांव बढ़ाती
अपने बाबुल की गुणगाती।
याद करती बाबुल नगरिया
खुश होकर चली बंदरिया।
साथ में उनके बच्चे चार
सभी सवारी हुए तैयार।
बंदर मामा सीटी मारे
आई झट एक मोटर कार।
गियर दबाए हंसकर मामा
मोटर दौड़ी तेज रफ्तार।।
लोग हुए सारे खुशहाल
बंदर मामा गए ससुराल।
मीरा सिंह “मीरा”
+२, महारानी उषारानी बालिका उच्च विद्यालय डुमराँव, जिला-बक्सर, बिहार।
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