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मेरे डॉक्टर – रुचिका

Ruchika

मेरे डॉक्टर

जो जानता रहा मेरी हर पीड़ा,
जिससे कहा मैंने अपनी सारी
तकलीफ
बिना किसी दुराव और छिपाव के
और जिसने हर दुख के निराकरण
के लिए किए न जाने
कितने ही यत्न
वह रहा मेरा डॉक्टर।

जो न था मेरा कोई अपना,
मगर नही लगा कभी पराया
जिसने मेरी हर तकलीफ को
बेहतर ढंग से समझा।
जो दवा के संग दुआ करता रहा
जैसे हो उसकी भी परीक्षा
वह रहा मेरा डॉक्टर।

जिसने निराशा के सबसे
कठिनतम क्षणों में।
आशा का संचार किया।
जो अँधेरी रातों में जुगनू बनकर
उजास का प्रसार किया।
जो ईश्वर का प्रतिरूप बनकर
नित नए चमत्कार किया।
वह रहा मेरा डॉक्टर।

नमन है तुमको धरती के ईश्वर,
मेरे डॉक्टर।

रूचिका
राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय तेनुआ,गुठनी सिवान

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