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मेरे पापा – अतुल मयंक श्रीवास्तव

Atul mayank

मेरे पापा,महान पापा,
मेरी दुनिया,जहान पापा।
मम्मी ने जन्म दिया,
पापा ने पाला है,
मम्मी के साथ-साथ,
पापा ने भी सम्भाला है।
खुद के लिए कभी कुछ नही सोचा,
अपने हाथों से खाना भी खिलाया है।
हर इच्छा मेरी पूरी करते,
हर नखरा मेरा उठाया है।
मेरे पापा मेरा अभिमान है,
वह एक अच्छे पापा ही नहीं,
सबकी नज़रों में एक अच्छे इंसान है।
मैं अपने भाग्य पर इतराता हूँ,
पापा की हर ख्वाहिश पूरी करना चाहता हूँ।
क्योंकि पापा से मुझे सबसे ज्यादा प्यार है।
मेरा आदर्श,मेरी जान,
मेरे घर के शान है पापा,
मेरे पापा महान पापा,
मेरी दुनिया ,जहान पापा।

अतुल मयंक श्रीवास्तव
कक्षा- 9
मुजफ्फरपुर

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