मौसम हुआ सुहाना है
पावस ऋतु की छटा निराली,
चिड़िया फुदके डाली-डाली,
मेघों ने है दौड़ लगाया ,
बच्चों का है मन हर्षाया,
उमड़ रहे हैं बादल नभ में,
छम-छम-छम जल बरसाना है।
अब मौसम हुआ सुहाना है।।
गाँव में जो खिला है बचपन,
बच्चों का है ये नंदनवन,
ताल – तलैया भरे पड़े हैं,
बच्चे जिद पर अड़े खड़े हैं,
उमंग तन-मन में भरना है,
अब मस्ती खूब मनाना है।
अब मौसम हुआ सुहाना है।
बच्चे उतर गए पानी में,
खुशी झलक रही वाणी में ,
पकड़म-पकड़ी आँखमिचौली,
आओ मिल खेलें हमजोली,
प्यारी बिटिया चित्र बनाती,
कागज में रंग सजाना है।
अब मौसम हुआ सुहाना है।।
तरुवर को हम मित्र बनाएँ,
प्रकृति युक्त जीवन अपनाएँ,
धरती पर फैले हरियाली,
जीवन में आये खुशहाली,
पौध लगाकर करे संरक्षित,
यह जन-जन को समझाना है।
अब मौसम हुआ सुहाना है।।
- रत्ना प्रिया – शिक्षिका (11 – 12)
उच्च माध्यमिक विद्यालय माधोपुर
चंडी ,नालंदा
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