हे स्वामी! जग में ज्ञानदीप आपने जलाया,
हर हृदय में नवचेतना को खूब सजाया।
कर्म का संदेश देकर विश्व को समझाया,
योग का मर्म आपने जग में पहुँचाया।।
शिकागो में भारत का मान बढ़ाया,
“धर्म सभा” में सत्य का दीप जलाया।
“भाइयों-बहनों” का संबोधन बाला,
हर मानव को अपनत्व से भर डाला।।
तत्वज्ञान, कर्मयोग की धार आपने बहाई,
अज्ञान तिमिर में दिव्य ज्योति जलाई।
युवाओं को दी प्रेरणा, एक नई राह की,
हर क्षण में देखा छवि अलौकिक प्रभु की।।
राष्ट्रीय युवा दिवस, युवा शक्ति का प्रतीक,
आपके आदर्शों से बनता पथ प्रवीण।
संघर्षों से सिखाया साहस, धैर्य का पाठ,
हर सपने को दिया नई उड़ान का साथ।।
हे विवेकानंद! प्रणाम आपको सदा,
आपके विचारों से जीता विश्व बड़ा।
आपके आदर्शों पर चलते रहें हम,
भारत बने फिर से विश्व गुरु परम।।
सुरेश कुमार गौरव
उ. म. वि. रसलपुर, फतुहा, पटना (बिहार)
0 Likes