उठो युवा, चलो युवा
तुझे है पथ पुकारता
स्वर्णिम इतिहास रचो
वक्त है निहारता।।
लो अंजुरी में नीर तुम,
करो प्रगाढ़ संकल्प
करोगे कर्म हर दिवस,
न दूसरा कोई विकल्प।।
वो वीर कैसा धीर जो न
स्वप्न को सकारता।
उठो युवा………….।
युवा चले तो बढ़ चले,
उम्मीद के ये काफ़िले
नई रीति, नई नीति के
नित नवल दीए जले।।
झुकेगा आसमां,
जमीं बना के देगी रास्ता।
उठो युवा………….।
युवा के प्राणपण से ही,
विकसित समाज हो
दिखे जो जुर्म होता कहीं,
बुलंद ये आवाज हो।।
हो बात देश के विरुद्ध,
उसे स्वरा नकारता।
उठो युवा…………..।
डॉ स्वराक्षी स्वरा
मध्य विद्यालय हनुमान नगर बेलदौर
खगड़िया, बिहार
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