जीवन हमारा है अनमोल,
इसका नहीं है कोई तोल,
शिक्षित सुयोग्य होकर भी,
लापरवाही क्यूं करते सभी,
व्यस्त चर्या में सब है मगन,
रोग का सब दे रहे समन,
यदि काया निरोग रखना है,
तो डेली वेज योग करना है,
अपने लिए वक्त निकालिए,
जीवन स्वास्थ्यकर बनाइए,
कुछ समय का जीवन योग,
रखें सबको बिल्कुल निरोग,
योग के कुछ प्रमुख आसन,
सूर्य नमस्कार या ताड़ासन,
ध्रुवासन हो या हो चक्रासन,
सर्वांगासन हो या हलासन,
धनुरासन हो या भुजंगासन,
पद्मासन के संग वज्रासन,
हर आसन का अपना मोल,
धरा का बच्चा बच्चा बोल,
योग हमसब को करना है,
इसके छात्रछाया में रहना है,
अनुलोम विलोम प्राणायाम,
सबके लिए संजीवनी आम,
खुद जुड़े औरों को जोड़े,
योग से कभी मुंह न मोड़ें।
सब मिलकर आज ये कहे,
डेली योग करें निरोग रहें।।
(स्व रचित एवं मौलिक)
विवेक कुमार
भोला सिंह उच्च माध्यमिक विद्यालय,पुरुषोत्तमपुर
कुढ़नी